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पिछले नौ सालों के रिकॉर्ड में, 2024 इंटरनेट शटडाउन के लिए सबसे खराब साल रहा। पिछड़ते लोकतंत्रों से लेकर क्रूर सैन्य जुंटा तक, 2024 में एशिया प्रशांत में सत्तारूढ़ शक्तियों ने लोगों की आवाज़ नियंत्रित करने, रोकने और दबाने के लिए इंटरनेट शटडाउन का इस्तेमाल जारी रखा।
आज, 24 फरवरी, 2025 को लॉन्च होने वाली एक्सेस नाउ और #KeepItOn गठबंधन की नई रिपोर्ट, एम्बोलडेनड ऑफेंडर्स, एनडेंजर्ड कम्युनिटीज़: इंटरनेट शटडाउन इन 2024, उजागर करती है कि कैसे 54 देशों में कम से कम 296 इंटरनेट शटडाउन ने अराजकता को बढ़ावा दिया, संघर्ष के समय हुई हानि को और गंभीर करा और दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त किया। रिपोर्ट से पता चलता है कि 2024 में एशिया प्रशांत के 11 देशों या क्षेत्रों में 202 शटडाउन लागू किये गए, जो कि एशिया प्रशांत में आज तक किसी भी साल दर्ज किए गए शटडाउन से अधिक है।
शटडाउन समाज को अस्थिर करते हैं, डिजिटल प्रगति पर रोक लगते हैं, समुदायों को जोखिम में डालते हैं, और जवाबदेही के अवसर रोक मानवाधिकारों के हनन के लिए आवरण प्रदान करते हैं। म्यांमार से लेकर पाकिस्तान तक, अधिकारी बिना किसी तरह की कार्रवाई के डर के लोगों को बाकी दुनिया से काट कर रहे हैं, जो एशिया में बढ़ते डिजिटल अधिनायकवाद को दर्शाता है। चाहे वह किसी भी तरीके से लागू किये जाएँ — केबल कट, टेलीकॉम कंपनियों को आदेश या उपकरण जब्त करना — शटडाउन कभी भी स्वीकार्य नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आ शटडाउन को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए ततकाल कदम उठाना होगा।रमन जीत सिंह चीमा, एशिया प्रशांत नीति निदेश, एक्सेस नाउ
प्रमुख क्षेत्रीय निष्कर्ष:
- विश्व में सबसे आगे: 2024 में विश्व में दर्ज किए गए सभी शटडाउन में से 190 शटडाउन या 64% से अधिक शटडाउन सिर्फ तीन देशों में हुए: म्यांमार, भारत और पाकिस्तान;
- एक नया लीडर: म्यांमार में दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक शटडाउन (85) लागू किए गए, जहाँ म्यांमार की सैनिक जुंटा देश में शटडाउन लागू करने वाली सबसे अग्रसर ताकत थी;
- एक डिस्कनेक्टेड डेमोक्रेसी: 84 रिकॉर्ड किए गए शटडाउन के साथ, भारतीय अधिकारी शटडाउन आदेश जारी करने में किसी भी अन्य लोकतांत्रिक सरकार से आगे रहे;
- नए अपराधी: मलेशिया और थाईलैंड 2024 में शटडाउन अपराधियों की शर्मनाक सूची में शामिल हुए। जहाँ मलेशिया ने देश में ग्राइंडर एप तक पहुँच को अवरुद्ध करा, वहीं थाईलैंड ने म्यांमार और लाओस में लोगों की इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई;
- निर्मम हिंसा: म्यांमार में लागू हुए सभी शटडाउन में से 31 शटडाउन के साथ गंभीर मानवाधिकार हनन की घटनायें दर्ज की गयी और सैन्य जुंटा द्वारा लगाए गए कम से कम 17 शटडाउन का सम्बन्ध नागरिकों पर हुए हवाई हमलों से पाया गया। इस बीच बांग्लादेश में सरकार ने छात्र विरोध प्रदर्शनों के हिंसक दमन — जिसमें एक हज़ार से अधिक लोग मारे गए — के हिस्से के रूप में पाँच शटडाउन लागू किये;
- एक नयी खतरनाक प्रवृति: अपने सीमाओं के पार, थाईलैंड ने दो और चीन ने चार शटडाउन लागू कर म्यांमार में लोगों के इंटरनेट उपयोग पे रोक लगाई। थाईलैंड द्वारा लागू किये एक शटडाउन ने लाओस में भी लोगों को प्रतिरूप प्रभावित किया।
इंटरनेट शटडाउन भारत की ए.आई., डिजिटल गवर्नेंस या स्किलिंग जैसे क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व की महत्वाकांक्षाओं के साथ मेल नहीं खाता।दुनिया भर में किसी भी अन्य लोकतंत्र में साल दर साल बिना किसी निरीक्षण या जवाबदेही के लोगों के इंटरनेट कनेक्शन को बार-बार नहीं काटा जाता। दूरसंचार अधिनियम 2023 और दूरसंचार निलंबन नियम 2024 ने इन शटडाउन शक्तियों को और मजबूत कर दिया है, वह भी बिना प्रयाप्त सुरक्षा उपायों के साथ। हम अधिकारियों से मूल अधिकारों का उल्लंघन करने वाले इन कानूनों में उपयुक्त संशोधन करने या इन्हें निरस्त करने और 2025 को भारत के सभी लोगों के लिए शटडाउन-मुक्त वर्ष बनाने का आग्रह करते हैं।नम्रता माहेश्वरी, वरिष्ठ नीति सलाहकार, एक्सेस नाउ
2024 में, एशिया प्रशांत में यहां शटडाउन लागू किये गए: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, न्यू कैलेडोनिया और पाकिस्तान।
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